अब तक महामारी कोष में करीब 1,663 करोड़ रुपये इकट्ठा हुआ है, जिसे दुनियाभर के 24 दाताओं की ओर से दिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि महामारी कोष का इस्तेमाल सर्विलांस, स्वास्थ्य कर्मचारियों की संख्या और अनुसंधान पर खर्च किया जाएगा।
भविष्य में कोरोना जैसी महामारी से बचाव के लिए जी-20 देशों ने महामारी कोष में 25 हजार करोड़ रुपये इकट्ठा करने की सहमति दे दी है। पिछले वर्ष इंडोनेशिया में हुए जी-20 में पहली बार महामारी कोष बनाने का विचार आया, जिस पर अंतिम मुहर भारत की अध्यक्षता में चल रहे जी 20 सम्मेलन में लगी है। इसके अलावा जी-20 देशों ने महामारी समझौता पर सहमति होने की घोषणा की है, जिसे अगले साल मई माह में विश्व स्वास्थ्य सभा में डब्ल्यूएचओ के जरिये पेश किया जाएगा। शनिवार को गुजरात के गांधीनगर में तीन दिवसीय जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक खत्म हुई।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने बताया कि भारत की अध्यक्षता में चल रहे जी-20 सम्मेलन के तहत चौथी स्वास्थ्य बैठक सफल रही। भारत के तीन प्रमुख एजेंडा पर सहमति बनी। इनमें स्वास्थ्य आपातकाल से निपटने के लिए सभी जी-20 देश साथ मिलकर काम करने, दवाओं की उपलब्धता को लेकर फार्मा क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने और सभी नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं के दायरे में लाने के लिए डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं का इस्तेमाल शामिल हैं।
एक साल में 1,663 करोड़ इकट्ठा
अब तक महामारी कोष में करीब 1,663 करोड़ रुपये इकट्ठा हुआ है, जिसे दुनियाभर के 24 दाताओं की ओर से दिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि महामारी कोष का इस्तेमाल सर्विलांस, स्वास्थ्य कर्मचारियों की संख्या और अनुसंधान पर खर्च किया जाएगा।
स्वास्थ्य और वित मंत्रालय का संयुक्त टास्क फोर्स
जी-20 में पहली बार लंबी अवधि के लिए स्वास्थ्य और वित्त मंत्रालय का एक संयुक्त टास्क फोर्स बना है जो भविष्य में निम्न आय वर्गीय देशों की मदद करेगा। स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई मुद्दों पर चर्चा की जिसमें महामारी कोष भी शामिल है। साथ ही यह भी तय हुआ है कि अपने अपने देश वापस जाकर सभी देशों को महामारी कोष को बढ़ाने पर काम करना है। वित्त मंत्री ने बैठक में कहा कि भारतीय अध्यक्षता के तहत संयुक्त टास्क फोर्स ने पहली बार बहु-वर्षीय कार्य योजना को अपनाया है। इससे कम आमदनी वाले देशों की स्वास्थ्य संबंधित आवाज को उठाने में सहायता मिलेगी।
युद्ध पर चर्चा का रूस और चीन ने किया विरोध
बैठक में सभी देशों में भू राजनैतिक मुद्दे पर चर्चा करते हुए यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनिया को होने वाले आर्थिक नुकसान पर चर्चा की गई। एजेंडा के बिंदु 22 के तहत रूस और चीन ने मिलकर सभी देशों से कहा कि किसी देश की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बात करने का यह सही मंच नहीं है। जी-20 देशों को इसमें दखलअंदाजी नहीं करनी चाहिए। इसे चर्चा से बाहर करने की मांग भी की।
डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से आगे बढ़ रहा भारत: मांडविया
मांडविया ने कहा, डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। इससे दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए भी स्वास्थ्य सेवाओं तक सहज पहुंच सुनिश्चित हो रही है। उन्होंने कोविन ऐप और ई-संजीवनी जैसी पहल के फायदे भी गिनाए। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत वैश्विक क्षेत्र में डिजिटल एजेंडे का एक मुखर समर्थक रहा है। मांडविया ने कहा, सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज और स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने में सुधार के लिए डिजिटल हेल्थ इनोवेशन एंड सॉल्यूशन विषय पर कहा, आज जी-20 स्वास्थ्य कार्य समूह के इतिहास में एक अहम दिन है, जिसमें जी-20 देशों ने न केवल इसकी प्रासंगिकता को अहमियत दी, बल्कि इसके लॉन्च की दिशा में भी काम किया।