पीएम ने कहा,”भारत आर्थिक समृद्धि के नए युग के मुहाने पर खड़ा”….क्या कहा, इसके बारे में और जानने के लिए पढ़ें

लिंक्डइन पर एक पोस्ट में मोदी ने कहा कि उन्हें हाल ही में दो व्यावहारिक शोधपरक रिपार्ट मिले। ये भारत की अर्थव्यवस्था में रुचि रखने वालों के लिए उत्सुकता पैदा करने वाले हो सकते हैं। इनमें एक एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट है दूसरी पत्रकार अनिल पद्मनाभन की रिपोर्ट है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कुछ रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि भारत इक्विटेबल (समान) और सामूहिक समृद्धि हासिल करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। पीएम ने कहा कि देश आर्थिक प्रगति के नए युग के मुहाने पर खड़ा है और 2047 तक विकसित होने की राह पर है।

लिंक्डइन पर एक पोस्ट में मोदी ने कहा कि उन्हें हाल ही में भारतीय अर्थव्यवस्था से संबंधित दो व्यावहारिक शोधपरक रिपार्ट मिले। ये भारत की अर्थव्यवस्था में रुचि रखने वालों के लिए उत्सुकता पैदा करने वाले हो सकते हैं। इनमें एक एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट है और दूसरी पत्रकार अनिल पद्मनाभन की रिपोर्ट है।

पीएम ने कहा, ‘इन विश्लेषणों से यह पता चलता है कि भारत न्यायसंगत और सामूहिक समृद्धि हासिल करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। यह हम सभी के लिए खुशी की बात है।

इन रिपोर्टों की मुख्य बातों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि एसबीआई रिसर्च ने (आईटीआर रिटर्न के आधार पर) बताया है कि भारतीय औसत आय ने पिछले नौ वर्षों में एक सराहनीय छलांग लगाई है, जो आकलन वर्ष 2014 के 4.14 लाख रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 13 लाख रुपये हो गई।

हम 2047 तक ‘विकसित भारत’ के अपने सपने को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं: पीएम

दोनों रिपोर्टों के कई आंकड़ों को पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा कि ये निष्कर्ष न केवल भारत के सामूहिक प्रयासों को दर्शाते हैं, बल्कि एक राष्ट्र के रूप में इसकी क्षमता को भी दोहराते हैं। उन्होंने कहा, “बढ़ती समृद्धि राष्ट्रीय प्रगति के लिए शुभ संकेत हैं। निस्संदेह, हम आर्थिक समृद्धि के एक नए युग के शिखर पर खड़े हैं और 2047 तक ‘विकसित भारत’ के अपने सपने को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।”

प्रधानमंत्री ने 2022 के स्वतंत्रता दिवस के भाषण में पांच संकल्पों का खुलासा किया था और 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाना उनमें से एक था। पीएम ने भ्रष्टाचार और वंशवादी राजनीति जैसी बुराइयों को दूर करने का आह्वान करते हुए इस लक्ष्य के आसपास अपनी सरकार के विभिन्न प्रयासों को रखने की कोशिश की है। प्रधानमंत्री ने अपने पोस्ट में कहा कि पद्मनाभन के आईटीआर आंकड़ों के अध्ययन से पता चलता है कि सभी आय वर्गों में कर आधार बढ़ रहा है और उनमें से प्रत्येक में कर फाइलिंग में न्यूनतम तीन गुना वृद्धि देखी गई है, कुछ ने तो लगभग चार गुना वृद्धि भी हासिल की है।

शोध में राज्यों में आयकर फाइलिंग में वृद्धि के संदर्भ में सकारात्मक प्रदर्शन पर प्रकाश डाला गया है। उन्होंने कहा कि 2014 से 2023 के बीच आईटीआर फाइलिंग की तुलना करने से डेटा सभी राज्यों में बढ़ी हुई कर भागीदारी की एक आशाजनक तस्वीर पेश करता है।

यूपी में आईटीआर फाइल करने वालों की संख्या 2023 में 11.92 लाख पर पहुंची

उदाहरण के लिए, आईटीआर डेटा विश्लेषण से पता चलता है कि आईटीआर फाइलिंग के मामले में उत्तर प्रदेश राज्य शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों में से एक के रूप में उभरा है। जून 2014 में उत्तर प्रदेश में 1.65 लाख आईटीआर फाइल किए गए थे, लेकिन जून 2023 में यह आंकड़ा बढ़कर 11.92 लाख हो गया।

उन्होंने कहा कि एसबीआई की रिपोर्ट में एक उत्साहजनक पहलू भी सामने आया है। छोटे राज्यों और वह भी पूर्वोत्तर के मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड में पिछले नौ वर्षों में आईटीआर फाइलिंग में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई। उन्होंने कहा, ‘इससे पता चलता है कि न केवल आय बढ़ी है, बल्कि टैक्स अनुपालन भी बढ़ा है। उन्होंने कहा यह हमारी सरकार में लोगों के विश्वास की भावना की अभिव्यक्ति है।

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