पीएम मोदी सात अगस्त को दोपहर 12 बजे भारत मंडपम में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह में भाग लेने आएंगे। वे कारीगरों बुनकरों और शिल्पकारों को प्रोत्साहन और नीतिगत समर्थन देने के दृढ़ समर्थक रहे हैं। कारीगर और शिल्पकार देश की कलात्मकता और शिल्प कौशल की समृद्ध परंपरा को जीवित रखे हुए हैं। इसी दृष्टिकोण से प्रेरित होकर सरकार ने सात अगस्त 2015 से राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाना शुरू किया।
नई दिल्ली, पीटीआई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को नई दिल्ली के प्रगति मैदान के भारत मंडपम में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह में शामिल हुए। इस साल नौवें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (National Handloom Day) मनाया जा रहा था।
प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में साझा किया, “कल, 7 अगस्त को, दोपहर 12 बजे, मैं दिल्ली के भारत मंडपम में राष्ट्रीय हस्तकर्प दिवस के उत्सव में शामिल होंगा। यह एक ऐसा अवसर है कि हम अपने स्थानीय टेक्सटाइल और हस्तकलों को प्रसार करने की प्रतिबद्धता को दोहराएं और ‘वोकल फॉर लोकल’ की भावना के साथ चलें।”
एक रिलीज के अनुसार, इस साल 9वाँ राष्ट्रीय हस्तकर्प दिवस मनाया जा रहा है। उसमें कहा गया है, “कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री भारतीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (NIFT) द्वारा विकसित एक ई-पोर्टल, एक टेक्सटाइल और क्राफ्ट का भंडार लॉन्च करेंगे।”
रिलीज ने और भी उल्लिखित किया कि कार्यक्रम में तकरीबन 3000 हस्तकर्प और खादी बुनकर, कारीगर और टेक्सटाइल और एमएसएमई क्षेत्र से संलग्न होंगे।
उसने यह भी जोड़ा, यह भारत भर में हस्तकर्प क्लस्टर्स, NIFT कैम्पस, वीवर सर्विस सेंटर, भारतीय हस्तकर्प प्रौद्योगिकी संस्थान कैम्पस, राष्ट्रीय हस्तकर्प विकास निगम, हस्तकर्प निर्यात प्रोत्साहन परिषद, खादी और ग्रामोद्योग आयोग संस्थान और विभिन्न राज्य हस्तकर्प विभागों को एकत्रित करेगा।
भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में बताया गया कि मोदी सात अगस्त को दोपहर 12 बजे भारत मंडपम में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह में शामिल हुए। पीएम मोदी कारीगरों, बुनकरों और शिल्पकारों को प्रोत्साहन और नीतिगत समर्थन देने के दृढ़ समर्थक रहे थे।
2015 से राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाने की शुरुआत
कारीगर और शिल्पकार देश की कलात्मकता और शिल्प कौशल की समृद्ध परंपरा को जीवंत रखने के प्रेरणा स्रोत रहे हैं। इसी प्रेरणा से प्रेरित होकर सरकार ने सात अगस्त, 2015 से राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाना शुरू किया।
स्वदेशी आंदोलन से प्रभावित थी तारीख
यह तारीख स्वदेशी आंदोलन के प्रभाव के चलते चुनी गई थी। इस आंदोलन की शुरुआत सात अगस्त, 1905 को हुई थी। स्वदेशी आंदोलन ने स्वदेशी उद्योगों और विशेष रूप से हथकरघा बुनकरों को प्रोत्साहित किया था।
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