महाराष्ट्र मे सियासी भूचाल, अजित पवार ने बदला पावर गेम, उपमुख्यमंत्री की ली शपथ

पांचवी बार डिप्टी सीएम बने अजीत पवार, चौदहवीं विधानसभा में 3 बार शपथ लेने का बनाया रिकॉर्ड। अजीत पवार साल 2019 के बाद से तीसरी बार राज्य के डिप्टी सीएम बने हुए हैं।

महाराष्ट्र: महाराज की राजनीति में रविवार को बड़ा उलटफेर देखने को मिला। अजित पवार एकनाथ शिंदे के मंत्रिमंडल में शामिल हुए और उन्हें महाराज का डिप्टी सीएम बनाया गया। अजित पवार महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बनने के लिए पांचवीं बार चुने गए हैं और उनके नाम 14 वीर विधानसभा में 3 बार शपथ लेने का रिकॉर्ड है। अजीत पवार साल 2019 के बाद से तीसरी बार राज्य के डिप्टी सीएम बने हुए हैं।

2019 में जब महाराज की राजनीतिक में सियासी भूचाल आया था, तब भाजपा ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया गया था, जबकि एनसीपी की ओर से अजित पवार ने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत की और डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। शपथ लेने के बाद, दोनों केवल 80 घंटे तक ही अपने पदों पर रहे, फिर यह सरकार गिर गई। उस सरकार की जगह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार आई, जिसमें अजित पवार फिर से उप मुख्यमंत्री बने और रविवार को एकनाथ शिंदे की सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाए गए।

केवल अजित पवार ही बीजेपी में शामिल नहीं हुए, बल्कि 40 विधायकों के समर्थन के साथ उन्होंने दावा किया था कि वह पार्टी को विभाजित करने और विधानसभा में बहुमत साबित करने की राह पर है।

शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने बताया है कि उनकी रात का अध्यक्ष शरद पवार से बातचीत हुई है, जिसमें पवार ने बताया है कि वह मजबूत हालत में हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि शरद पवार सरकार से हाथ मिलाने वाले विधायकों की अयोग्यता के लिए कदम उठाएंगे, “हम उद्धव ठाकरे के साथ सब कुछ फिर से बनाएंगे, हां, लोग इस खेल को लंबे समय तक बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

वहीं इस पूरे मामले पर देवेंद्र फडणवीस ने शरद पवार पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि 2019 में चुनाव नतीजों के बाद एनसीपी के कुछ लोगों ने उनसे संपर्क किया और कहा कि वे एक स्थिर सरकार बनाने के लिए तैयार हैं, फिर उन्हें लेकर शरद पवार के साथ एक बैठक हुई और फैसला लिया गया कि सरकार बनाई जाएगी, मुझे और अजित पवार को भी सभी पावर दी जाएगी, लेकिन शपथ ग्रहण की तैयारियों के बीच शरद पवार ने अपना फैसला वापस ले लिया।

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