सीएम केजरीवाल को मिला दीदी का साथ, केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ एकजुट विपक्ष

दिल्ली के सीएम ने कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। केजरीवाल से मुलाकात के बाद दीदी ने कहा कि टीएमसी केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश का विरोध करेगी। साथ ही विपक्षी पार्टियों से साथ आने का अनुरोध करेंगे।

कोलकाता, पश्चिम बंगाल: दिल्ली में केंद्र सरकार के अध्यादेश पर रार जारी है I इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मिलने कोलकाता पहुंचे I इस दौरान उनके साथ आप नेता संजय सिंह और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान समेत कई आप नेता मौजूद रहे I

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आम आदमी पार्टी का समर्थन किया है I हावड़ा में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी केंद्र सरकार जो दिल्ली सरकार के खिलाफ अध्यादेश लेकर आई है, वो उसका विरोध करेंगी I

ममता बनर्जी ने आगे कहा कि साथ ही वो बाकी विपक्षी पार्टियों से भी इस पर साथ आने का आग्रह करेंगी I वहीं अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने पंजाब, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू में देखा कि राज्यपाल कैसे सरकार को तंग कर रहे हैं I दिल्ली में इन्होंने जो किया वो जनतंत्र के खिलाफ है I देश की जनता को इस अहंकारी सरकार को हटाना चाहिए, मैं दीदी का धन्यवाद करूंगा कि राज्यसभा में इन्होंने कहा कि वे हमारा समर्थन करेंगी I

राज्यसभा में अगर ये बिल गिर जाता है तो ये 2024 से पहले सेमीफाइनल होगा..उन्होंने आगे कहा कि राज्यसभा में कानून लाए जाने पर उसे किसी भी परिस्थिति में पारित नहीं होने देना चाहिए I मैं सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों से मिलूंगा और उनका समर्थन मांगूंगा, केजरीवाल 24 मई को शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे और 25 मई को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सुप्रीमो शरद पवार से मुलाकात करेंगे I

आपको बता दें कि इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संरक्षक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से दिल्ली में सीएम आवास में मुलाकात की थी I

इस दौरान नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने केंद्र की ओर से लाए गए अध्यादेश के खिलाफ आप सरकार को समर्थन देने की घोषणा की, केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के साथ खड़े होने के लिए दोनों नेताओं का धन्यवाद किया और कहा कि विपक्ष को एकजुट होकर केंद्र सरकार के इस तानाशाही अध्यादेश को संसद में हराना होगा I

 

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