बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली: भारत और रूस दोनों एक दूसरे के देश में प्रयुक्त होने वाले रूपे और मीर कार्ड को स्वीकार करने की संभावना बढ़ गयी है। मास्को पर पश्चिम द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बाद भुगतान संबंधित समस्याओं के उपरांत दोनों देशों के बीच इस विषय पर विचार विमर्श हुआ है। अभी हाल ही में व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग (IRIGC-TEC) पर उच्च स्तरीय सरकारी आयोग की बैठक में इन कार्डों की स्वीकृति के लिए चर्चा की गई है जिसमें सहमति भी बनी है।
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रूपे (RuPay) और मीर कार्ड (Mir card) की स्वीकृति से भारत और रूस के नागरिकों को अपने देशों में बिना किसी तकलीफ के भुगतान करने का मौका मिलेगा। विदेश मंत्री एस जयशंकर और रूस के उप प्रधान मंत्री डेनिस मंटुरोव की अध्यक्षता में हुई बैठक में UPI और बैंक ऑफ रूस के फास्टर पेमेंट्स सिस्टम (SBP) के बीच बातचीत की संभावना तलाशने पर सहमति हुई है। साथ ही, सीमा पार भुगतान के लिए रूसी फाइनेंशल मैसेंजिंग सिस्टम (SFMS) और बैंक ऑफ रूस के सर्विस ब्यूरो ऑफ फाइनेंसियल मैसेजिंग सिस्टम (SPFS) को अपनाने पर भी सहमति हुई। इससे दोनों देशों के बीच भुगतानों में आसानी होगी और व्यापार में बढ़ोतरी की संभावनाएं भी होंगी।
आपको बता दें कि वर्तमान में, भारत से विदेश में और विदेश से भारत में पैसों का भुगतान स्विफ्ट नेटवर्क के माध्यम से किया जाता है। हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधान मंत्री ली सीन लूंग ने UPI और PayNow के बीच क्रॉस-बॉर्डर कनेक्टिविटी लॉन्च किया था। भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) और सिंगापुर के PayNow के लिंकेज से अब दोनों देशों के लोग तेजी से और किफायती डिजिटल ट्रांसफर कर सकते हैं। इसकी मदद से सिंगापुर में रहने वाले भारतीय प्रवासी भारत में कम दाम पर पैसे भेज सकते हैं।