दिल्ली: दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक बौद्ध समिट के उद्घाटन सत्र का उद्घाटन किया। दो दिवसीय शिखर सम्मेलन का आयोजन संस्कृति मंत्रालय की तरफ से अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के सहयोग से किया गया । सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बुद्ध व्यक्ति से आगे बढ़कर एक बोध हैं , बुद्ध स्वरूप से आगे बढ़कर एक सोच हैं , बुद्ध चित्रण से आगे बढ़कर एक चेतना हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमृतकाल में भारत के पास अपने भविष्य के लिए विशाल लक्ष्य भी हैं और वैश्विक कल्याण के नए संकल्प भी हैं । भारत ने आज अनेक विषयों पर विश्व में नई पहल की हैं और इसमें हमारी बहुत बड़ी प्रेरणा भगवान बुद्ध हैं । हमने भगवान बुद्ध के मूल्यों का लगातार प्रसार किया है । बुद्ध का मार्ग है- परियक्ति, परिपत्ति और परिवेध और पिछले 9 सालों में भारत इन तीनों ही बिंदुओं पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने बौद्ध सम्मेलन को संबोधित करते हुए आगे कहा कि भारत विश्व के हर मानव के दुःख को अपना दुःख समझता है । दुनिया के अलग-अलग देशों में पीस मिशन हों, या तुर्किए के भूकंप जैसी आपदा हो, भारत अपना पूरा सामर्थ्य लगाकर, हर संकट के समय मानवता के साथ खड़ा होता है, मम भाव से खड़ा होता है।
प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही कहा कि समस्याओं से समाधान की यात्रा ही बुद्ध की यात्रा है। उन्होंने कहा कि हमें विश्व को सुखी बनाना है तो स्व से निकलकर संसार, संकुचित सोच को त्यागकर समग्रता का ये बुद्ध मंत्र ही एकमात्र रास्ता है ।