महाशिवरात्रि का महापर्व, मंदिरों मे पंहुचा भक्तों का जनसैलाब !

महाशिवरात्रि का पर्व हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। आज महाशिवरात्रि के अवसर पर देश के सभी मंदिरों में भारी भीड़ एकत्रित हुई है। आज के दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। महादेव को प्रसन्न करने और उनकी आराधना के लिए महाशिवरात्रि का त्यौहार बहुत ही खास माना जाता है। आज घर-घर और गली-गली हर-हर महादेव की गूंज सुनाई दे रही है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव की 12 मुख्य ज्योतिर्लिंग है जिसमें स्वयं महादेव ज्योति पुंज के रूप में विराजमान है।

इन 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम जानते हैं

सोमनाथ, मल्लिकार्जुन,महाकालेश्वर,ओमकारेश्वर,केदारेश्वर, भीमाशंकर, विश्वनाथ, त्रंबकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर और धूमेश्वर है। शिव जी के इन 12 ज्योतिर्लिंग की खास तरीके से पूजा पाठ किया जा रही है, और अत्यंत भीड़ भाड़ देखा जा रहा है। महाशिवरात्रि के मौके पर लोग भगवान शिव को नमन कर रहे हैं उनकी महिमा को लोग सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं।

महाशिवरात्रि के अनुसार भगवान शिव की पूजा रात्रि चार पहर के समय पूजा करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इन प्रहर मैं भगवान शिव का अभिषेक करने के साथ विधिवत पूजा करने से वह जल्दी प्रसन्न होते हैं,और सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं भगवान शिव को बेलपत्र अति प्रिय है। माना जाता है कि जलाभिषेक करने के साथ भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने से वह जल्दी प्रसन्न होते हैं,वह सुख एवं समृद्धि देते हैं। भगवान शिव की चतुर्दशी तिथि और प्रदोष काल में पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है।

शिवरात्रि हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। किंतु फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है , शिव पुराण का पाठ और महामृत्युंजय का जाप या शिव के पंचाक्षर मंत्र ओम नमः शिवाय का जप इस दिन करना अति शुभ एवं लाभकारी होता है। महाशिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण का भी एक विशेष विधान है,जिसमें लोग रात्रि मैं महादेव की पूजा एवं आराधना करते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने व्रत रखने और रात्रि जागरण करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं एवं उपासिकों के हृदय को पवित्र करते हैं एवं उन्हें अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि भगवान शिव की उपासना के चार प्रमुख ग्रह हैं ,राहु , शनि चंद्र और मंगल दोष के दुष्प्रभाव भी कम हो जाते हैं

महाशिवरात्रि मनाने के पीछे प्रसिद्ध कथाएं प्रचलित है

पहली कथा के अनुसार इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव का शुभ विवाह हुआ था इसीलिए महाशिवरात्रि हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों एवं भगवान शिव के उपासिकों का एक मुख्य त्योहार है दूसरी पौराणिक कहानी यह है की जब कुछ नहीं था अर्थात सृष्टि के आरंभ में इसी दिन मध्य रात्रि को भगवान शिव करोड़ों सूर्य के समान प्रभाव वाले लिंग रूप में प्रकट हुए थे , महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की विधिवत पूजा करने और व्रत रखने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है इसके साथ ही हर तरह के दुखों से निजात मिलता है।

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