बिहार में 114 साल से लंबित जमीन सर्वे का काम आखिरकार नीतीश कुमार की सरकार ने शुरू किया है, जिससे विपक्ष बेचैन हो गया है। राजस्व मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला, उन्हें सर्वे में देरी का जिम्मेदार ठहराया। 10-14 प्रतिशत लोगों के पास जमीन के दस्तावेज़ न होने के कारण सर्वे की अवधि 3 महीने बढ़ाई गई है।
बिहार में जमीन सर्वे का काम अनवरत जारी रहेगा, इस बात की जानकारी राजस्व मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने रविवार को पटना में दी। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी निष्क्रियता के कारण ही इतने वर्षों से यह कार्य अधूरा है। 114 साल से लंबित इस कार्य को लेकर उन्होंने कांग्रेस और राजद की सरकारों को अयोग्य ठहराते हुए आरोप लगाया कि उनकी नाकामी की वजह से यह सर्वे पूरा नहीं हो सका। अब नीतीश कुमार की सरकार द्वारा सर्वे कराया जा रहा है, जिससे विपक्ष बेचैन हो रहा है।
10-14 प्रतिशत लोगों के पास दस्तावेज़ नहीं
मंत्री ने जानकारी दी कि सर्वे के दौरान 10-14 प्रतिशत लोग ऐसे पाए गए हैं जिनके पास जमीन के आवश्यक दस्तावेज़ नहीं हैं या फिर उन्हें दस्तावेज़ इकट्ठा करने में मुश्किलें आ रही हैं। ऐसे लोगों को राहत देते हुए सर्वे का समय 3 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है, ताकि उन्हें अपने दस्तावेज़ और अन्य जरूरी कागजात पूरा करने का मौका मिल सके। तीन महीने बाद रैयतों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं का समाधान भी किया जाएगा।
दूर शहर में रहने वाले लोगों को सलाह
उन्होंने आगे कहा कि जिनके बच्चे दूसरे शहरों में रहते हैं, उनके माता-पिता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपनी जमीन का सर्वे कराकर सभी दस्तावेज़ समय पर सही करवा लें, ताकि भविष्य में उनके बच्चों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने यह भी माना कि वर्तमान में सर्वे के काम में कुछ चुनौतियाँ हैं, लेकिन दीर्घकाल में यह बेहद फायदेमंद साबित होगा।
114 सालों से लंबित सर्वे
मंत्री ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी अक्षमता और निष्क्रियता के कारण 114 सालों से जमीन का सर्वे अधूरा पड़ा था। अब जबकि नीतीश कुमार की सरकार ने इस महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम देना शुरू किया है, विपक्ष इसके प्रति असहज महसूस कर रहा है।