विपक्ष की नेता आतिशी और आम आदमी पार्टी के अन्य विधायकों को 27 फरवरी को विधानसभा परिसर में प्रवेश करने से रोकने पर जबरदस्त हंगामा हुआ। जिसके बाद विधानसभा के बाहर करीब 7 घंटे तक उन्होंने धरना दिया। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली की सत्ता में आने के बाद बीजेपी तानाशाही की हदें पार कर रही है। आप विधायकों का कहना है कि वो सीएम कार्यालय से भीमराव आंबेडकर की तस्वीर को कथित तौर से हटाए जाने का विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान विधायक डफली की थाप के साथ आप नेताओं ने अंबेडकर की तस्वीरों वाली तख्तियां पकड़ीं और सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ नारे लगाए। बीजेपी सुन ले, जय भीम, जय भीम, बीजेपी की तानाशाही नहीं चलेगी। करीब सात घंटे तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद विधानसभा में नेता विपक्ष आतिशी ने कहा कि कल शुक्रवार को सबसे पहले राष्ट्रपति से मिलने जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि आप विधायकों को जय भीम के नारे लगाने की वजह से निलंबित किया गया। जय भीम का आवाज की दिल्ली समेत पूरे देश में गूंजेगी।
विधानसभा में घुसने के दौरान पुलिसकर्मियों से बहस
आप विधायक आतिशी जब विधानसभा परिसर में एंट्री कर रही थी तब वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें बाहर ही रोक दिया। इसके बाद पुलिसकर्मियों से उनकी तीखी बहस हुई। आतिसी ने पुलिसवालों से पूछा कि उन्हें विधानसभा में प्रवेश क्यों नहीं कर दिया जा रहा है। जिस पर पुलिस की तरफ से जवाब आया कि उन्हें स्पीकर ने आदेश दिया है कि आप विधायकों को न घुसने दिया जाए। पुलिस की बात सुनकर आतिशी ने उन्हें आदेश की कॉपी दिखाने को कहा। आतिशी ने कहा कि आम मुझे कागज दिखाइए, आर्डर कहां है? आतिशी ने राष्ट्रपति को पत्र भी लिखा है जिसमें उन्होंने दिल्ली सरकार के दफतरों में आंबेडकर और भगत सिंह की फोटो कथित तौर पर हटाए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने पत्र में लिखा कि अगर विपक्ष को इस तरह से रोका जाएगा तो जनता के मुद्दे कौन उठाएगा? लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों का होना जरूरी है। आतिशी ने कहा कि यह देश के लोकतंत्र के इतिहास में पहली बार है कि विपक्ष को विधानसभा परिसर में ही प्रवेश नहीं दिया गया। भारत को लोकतांत्रिक इतिहास पर एक काला धब्बा है।