विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल ने महाकुंभ मेला में बैठक की। इसमें देश के अलग-अलग स्थानों से आए प्रमुख संत शामिल हुए। बैठक में मौजूद संतों ने दुनियाभर के हिंदू समाज की धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक आवश्यकताएँ चुनौतियां और संकटों पर विचार करते हुए समाज का मार्गदर्शन किया है। विश्व हिंदू परिषद के मार्गदर्शक मंडल की बैठक में जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद ने हिंदुओं के अस्तित्व के लिए खतरा पैदा करने वाली बदलती जनसंख्या पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि हम दो हमारे दो भी फीके पड़ गए हैं। हिंदू समाज के लिए अब कम से कम दो से तीन बच्चे जरूरी हैं। संतो ने कहा कि हिंदू जनसंख्या में हो रहे असंतुलन का प्रमुख कारण हिंदू समाज की घटती जन्मदर है। हिंदू समाज के अस्तित्व की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण दायित्व के रूप में हिंदू परिवार में कम से कम तीन बच्चों का जन्म होना चाहिए। उन्होंने हिंदू समाज की जनसंख्या को संतुलित बनाए रखने के लिए जन्मदर को बढ़ाने की आवश्यकता है।
अब मथुरा-काशी की बारी
संतों ने साफ किया है कि अयोध्या, मथुरा और काशी तीनों मंदिरों की प्राप्ति के लिए संत
समाज, हिंदू समाज और संघ संकल्पबद्ध था और भविष्य में रहेगा। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड को लेकर केंद् सरकार की पहल का संत समाज स्वागत करता है। संत समाज ने कहा कि कानून पारित होना चाहिए और सभी दलों के सांसदों को इसमें सहयोग करना चाहिए।
देशभर में हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने का जागरण अभियान शुरु हुआ है। संतों ने आग्रह किया कि सभी मंदिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त किए जाएं और सरकारी नियंत्रण वाले कानून हटाए जाएं और मंदिरों का प्रबंधन आस्था रखने वाले भक्तों को सौंपा जाए।