संविधान हमारी सामूहिक अस्मिता का आधार- राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू

76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने 25 जनवरी को राष्ट्र के नाम संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक अवसर पर आप सबको संबोधित करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है। आप सबको गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मैं आप सबको हार्दिक बधाई देती हूं। आज से 75 वर्ष पहले 26 जनवरी के दिन भारत गणराज्य का आधार ग्रंथ यानी भारत का संविधान लागू हुआ था। राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने कहा कि इस वर्ष हम भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मना रहे हैं वे ऐसे अग्रणी स्वाधीनता सेनानियों में शामिल हैं जिनकी भूमिका को राष्ट्रीय इतिहास के संदर्भ में अब समूचित महत्व दिया जा रहा है।

युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा हुए- राष्ट्रपति

राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने कहा कि भारत की आर्थिक विकास दर आसमान छू रही है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में आर्थिक विकास की दर लगातार ऊंची रही है। जिससे हमारे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं किसानों और मजदूरों के हाथों में अधिक पैसा आया है और बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। साहसिक और दूरदर्शी आर्थिक सुधारों के बल पर आनेवाले सालों में प्रगति की ये रफ्तार बनी रहेगी।

किसान भाई-बहनों ने खाद्यान्न में उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया-राष्ट्रपति

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के किसानों ने कड़ी मेहनत की है और देश का खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया है। उन्होंने कहा हमारे किसान भाई-बहनों ने कड़ी मेहनता की और हमारे देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया। उन्होंने कहा कि हमारे मजदूर भाई-बहनों के अथक परिश्रम करके हमारे इंफ्रास्ट्रक्चर और मैनफैक्चरिंग सेक्टर का कायाकल्प कर दिया।

डिजिटल पेमेंट से सिस्टम में पारदर्शिता आई- राष्ट्रपति

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में डिजिटल पेमेंट का जिक्र किया उन्होंने कहा कि डिजिटल भुगतान के कई विकल्पों के साथ-साथ प्रत्यक्ष बेनिफिट ट्रांसफर की प्रणाली ने समावेशन को बढ़ावा दिया है जिससे बड़ी संख्या में लोगों को फॉर्मल सिस्टम में शामिल किया जा सका है। इससे सिस्टम में अभूतपूर्व पारदर्शिता भी आई है।

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