कोलंबो: श्रीलंका में हालात सामान्य होने की जगह और बिगड़ते जा रहे है I मंगलवार को श्रीलंका के ट्रेड यूनियनों ने देश व्यापी हड़ताल करने की बात कही थी, लेकिन ऐसा लगता है कि विभिन्न क्षेत्रों के कर्मचारियों की साझा हड़ताल को फिलहाल स्थगित करवाने में श्रीलंका की रानिल विक्रमसिंघे सरकार को कामयाबी मिल गई है I हड़ताल मंगलवार आधी रात से शुरू हुई थी, बुधवार को सुबह में हड़ताल का असर दिखना शुरू हुआ लेकिन शाम को राष्ट्रपति कार्यालय के मीडिया डिवीजन ने एक बयान में ये माना गया कि हड़ताल के कारण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हुईं, लेकिन साथ ही दावा किया कि कई ट्रेड यूनियनों ने हड़ताल वापस ले ली है I
बता दें कि हड़ताल का आह्वान 50 से भी ज्यादा ट्रेड यूनियनों ने मिल कर किया था I राष्ट्रपति कार्यालय ने हड़ताली ट्रेड यूनियनों में फूट पड़ने का दावा किया है और कहा कि उनमें से 40 से ज्यादा यूनियनों से जुड़े कर्मचारी काम पर वापस आने के लिए तैयार हो गए हैं I राष्ट्रपति कार्यालय ने हड़ताली ट्रेड यूनियनों में फूट पड़ने का दावा किया है, लेकिन कई ट्रेड यूनियनों का दावा है कि हड़ताल पूरी तरह सफल है I श्रीलंका टीचर्स यूनियन के महासचिव जोसेफ स्टालिन ने कहा कि जहां तक शिक्षकों की बात है, तो उनमें से 100 फीसदी हड़ताल में शामिल हैं I इससे स्कूलों में काम पूरी तरह ठप हो गया है, अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी, तो हम भविष्य में इससे भी गंभीर कार्रवाई करेंगे I दरअसल, ट्रेड यूनियनों ने आईएमएफ की शर्तों के मुताबिक श्रीलंका में इनकम टैक्स की बढ़ाई गई दरों और बिजली जैसी सेवाओं के शुल्क में वृद्धि के विरोध में हड़ताल पर गए हैं, श्रीलंका में इनकम टैक्स की न्यूनतम दर बढ़ा कर 36 फीसदी कर दी गई है I