वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर बनाई गई जेपीसी में जोरदार हंगामा हुआ है। इसके बाद असदुद्दीन ओवैसी, कल्याण बनर्जी और इमरान मसूद समेत 10 सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया। हंगामे को लेकर निशांत दुबे ने कहा कि मैंने विपक्ष को कभी नहीं रोका और आजतक जब भी मीटिंग हुई मुझे बोलने का मौका नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से बदतमीजी की गई वो स्वीकार नहीं है। हंगामे के बाद विपक्ष के 10 सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं बीजेपी सांसद राधामोहन ने कहा कि बहुत दुखद कि विपक्ष के सदस्यों ने कश्मीर के सामाजिक और धार्मिक प्रतिनिधियों को बोलने भी नहीं दिया और वेल में आ गए। मजबूरी में संयुक्त संसदी समिति ने इन सदस्यों को सस्पेंड करके जम्मू-कश्मीर के सदस्यों को सुना।
हंगामे पर विपक्षी सांसदों के आरोप
तृणमूल कांग्रेस पार्टी के सांसद कल्याण बनर्जी का कहना है कि बीजेपी सांसदों के मन में जो आ रहा है वो बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जेपीसी के सदस्य इस बात का सवाल उठा रहे थे कि एड-हॉक मीटिंग क्यों बुलाई जा रही है। अब सभी 27 तारीख की मीटिंग में आएंगे। जिन सांसदों को सस्पेंड किया गया है उनमें असदुद्दीन ओवैसी, कल्याण बनर्जी, इमरान मसूद, ए राजा, नासिर हुसैन, नदीमुल हक, अरविंद सावंत, एम मोहम्मद अब्दुल्ला(डीएमके) शामिल हैं। माना जा रहा है कि वक्फ जेपीसी में शामिल विपक्षी सदस् चेयरमैन की शिकायत लोकसभा के स्पीकर से करेंगे। विपक्षी सदस्य लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखने जा रहे हैं। जिसमें शिकायत करेंगे कि जेपीसी की बैठक को अलोकतांत्रिक तरीके से चलाया जा रहा है जल्दबाजी की जा रही है रात में अचानक बैठक की तारीख और एजेंडा में बदलाव किया जा रहा है।
आपको बता दें कि 8 अगस्त को संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश होने के बाद इस समिति कि गठन किया गया था। विपक्षी दलों ने इस विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों को मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए इसी आलोचना की थी। वहीं बीजेपी का कहना है कि संशोधन वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाएंगे और जवाबदेह बनाएंगे।