उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर उपचुनाव में बीजेपी ने जबरदस्त जीत हासिल की है। बीजेपी के प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान 60 हजार से ज्यादा वोटों से जीते हैं। वहीं समाजवादी पार्टी के अजीत प्रसाद शुरुआत से पीछे रहे। वहीं समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने उपचुनाव में मिली हार को स्वीकार कर लिया है। हालांकि उन्होंने अयोध्या पुलिस- प्रशासन पर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है। मिल्कीपुर सीट बीजेपी और समाजवादी पार्टी दोनों ने प्रतिष्ठा की सीट मान ली थी। इस सीट पर योगी आदित्यनाथ समेत कई मंत्रियों ने जमकर चुनाव प्रचार किया था। वहीं समाजवादी पार्टी की तरफ से अखिलेश यादव, डिंपल यादव समेत कई बड़े नेताओं ने अजीत प्रसाद के समर्थन में रैली और जनसभाएं की थी। लेकिन जीत बीजेपी के खाते में गई है। ये जीत लोकसभा चुनाव में अयोध्या सीट पर बीजेपी को मिली हार का बदला माना जा रहा है। दरअसल 2024 लोकसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद ने बीजेपी के लल्लू सिंह को हरा दिया था। लेकिन अब उसी अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर बीजेपी ने अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को करारी शिकस्त दी है।
नए चेहरे पर बीजेपी ने दांव चला
अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर हुए उपचुनाव के लिए बीजेपी ने पुराने धुरंधरों के बजाए नए चेहरे चंद्रभान पासवान पर दांव चला था। समाजवादी पार्टी पहले ही सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को यहां से प्रत्याशी घोषित कर चुकी थी। अवधेश प्रसाद की तरह चंद्रभानु पासवान पासी समाज से आते हैं। वो रुदौली के परसौली गांव के निवासी है। पेशे से वकील चंद्रभानु पासवान अयोध्या के रुदौली से दो बार जिला पंचायत सदस्य रहे हैं अभी उनकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य है। अभी उनकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य हैं। चंद्रभानु बीजेपी की जिला इकाई में कार्य समिति के सदस्य है। 2024 के लोकसभा चुनाव में अनुसूचित जाति संपर्क प्रमुख रहे। वहीं उनके पिता बाबा रामलखन दास ग्राम प्रधान है। पिछले दो सालों से मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर वो सक्रिय थे इसलिए उनपर पार्टी ने दांव खेला।