फ्रांस में आयोजित शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले AI एक्शन शिखर सम्मेलन की मेजबानी का प्रस्ताव दिया। और इसके साथ ही अगला एआई समिट भारत में होने जा रहा है। यह प्रस्ताव उन्होंने उस कार्यक्रम के समापन में अपने संबोधन के दौरान पेश किया था जिसकी उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ सह अध्यक्षता की। समिट के बाद विदेश सचिव विक्रमी मिस्त्री ने कहा कि अगला एआई एक्शन शिखर सम्मेलन भारत में इस साल के अंत में होगा। उन्होंने कहा कि पेरिस में एआई एक्शन शिखर सम्मेलन भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी में एक और पहलू जोड़ता है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस की यात्रा पर आए थे। जहां उन्होंने इस समिट की सह-अध्यक्षता की। प्रधानमंत्री का पेरिस में भारतीय समुदाय ने बहुत गर्मजोशी के साथ पारंपरिक स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति द्वारा आयोजित रात्रिभोज में हिस्सा लिया।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस कृष्णन ने कहा कि भारत की नीति नई संभावना और संभावित नुकसान के बारे में जागरुक होने के साथ-साथ अधिक उत्पादकता और अवसर प्रदान करने पर रही है। भारत ने समावेशी और टिकाऊ एआई पर नेताओं के बयान का समर्थन किया है और सार्वजनिक हित के लिए एआई को लेकर प्रतिबद्धता व्यक्त की है। भारत ने एआई फाउंडेशन की स्थापना का समर्थन किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि जी20 में भी एआई को शामिल किया है।
एआई पर क्या बोले पीएम मोदी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में भारत की एआई अपनाने में बढ़ती भूमिका पर भी चर्चा की और इसे खासतौर से ग्लोबल साउथ डेवलपमेंट को संचालित करने के लिए संभावित रूप से सक्षम बताया। उन्होंने एआई के लिए एक वैश्विक शासन ढांचा बनाने के लिए सामूहिक कोशिशों की अपील की। इसके लिए उन्होंने साझा मूल्यों पर ध्यान देने जोखिमों का सामना करने और विश्वास को बढ़ावा देने की जरूरतों पर भी जोर दिया।