नीतीश कैबिनेट का 26 फरवरी को विस्तार हो गया है। बीजेपी ने चुनाव से पहले 7 नए मंत्री बनाए हैं। अबतक डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा के पास 3 मंत्रालय, मंत्री मंगल पांडे और नीतीश मिश्रा के पास 2-2 मंत्रालय और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा प्रमुख संतोष मांझी के पास 2 विभाग थे जो अब नए मंत्रियों को मिल जाएंगे। इस बार के कैबिनेट विस्तार में जाति के चुनावी गणित का खास ध्यान रखा गया है। शपथ लेने वाले 7 मंत्रियों में पिछड़ा वर्ग के 3, अति पिछड़ा वर्ग के 2 और सामान्य वर्ग के 2 मंत्री शामिल हैं।
नीतीश कैबिनेट में जाति की मोर्चाबंदी
बिहार में 9 महीने बाद चुनाव है। नीतीश सरकार ने खाली मंत्रिपदों पर जाति की मोर्चाबंदी की है। क्योंकि तेजस्वी यादव हर बार जातिगणना के आंकड़े दिखाकर जितनी संख्या भारी… उसकी उतनी हिस्सेदारी का नारा बुलंद कर चुके हैं। नीतीश कैबिनेट में 11 सवर्ण, 10 पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग के 7, दलित वर्ग के 5, महादलित वर्ग के 2 और मुस्लिम समुदाय से 1 मंत्री है।माना जा रहा है कि इस बार फिर चुनावी राजनीति जाति की बुनियाद के इर्दगिर्द घूमेगी।