वृंदावन के प्रमुख संत प्रेमानंद जी महाराज ने मंगलवार यानी 18 फरवरी को अपनी पदयात्रा निकाली। ये पदयात्रा श्री कृष्ण शरणम सोसायटी से शुरू हुई और संत प्रेमानंद जी के आश्रम हित राधा केली कुंज पहुंचकर खत्म हुई। पदयात्रा रात्रि दो बजे शुरू जिसमें महाराज जी के हजारों भक्तों ने दर्शन किए। ये पदयात्रा पूरे 10 दिन बाद शुरू हुई। आपको बता दें कि प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन में पिछले 40 साल से यहां निवास कर रहे है और 5 साल से वो रात्रि में अपने निवास स्थान श्री कृष्णा शरणम से राधा कुंज के लिए जाते हैं। ये रास्ता पूरा 2 किलोमीटर लंबा है। इसी रास्ते में एक एनआरआई ग्रीन सोसाइटी पड़ती है। इस सोसायटी के लोगों ने महाराज की यात्रा का विरोध किया था। सोसाइटी के लोगों का कहना था कि महाराज के शिष्य यहां आकर आतिशबाजी करते हैं और तेज साउंड बजाते हैं जिसके चलते महाराज जी की यात्रा 6 फरवरी के बाद से स्थगित कर दी गई थी।
यात्रा शुरू करने की किसने पहल की?
17 फरवरी को एनआरआई ग्रीन के अध्यक्ष आशु शर्मा ने संत प्रेमानंद महाराज के आश्रम पहुंचकर कहा कि हम आपकी पदयात्रा का विरोध नहीं करते है लेकिन जो ध्वनि प्रदूषण और आतिशबाजी होती है उसका विरोध करते हैं। आपकी यात्रा निकालने में हमें कोई दिक्कत नहीं आप अपनी यात्रा निकालिए। इसके बाद मंगलवार यानी 18 फरवरी को रात्रि 2 बजे श्री कृष्ण शरणम से शुरू यात्रा शुरू हुई और जो राधा केली कुंज पर जाकर पूरी हुई। ये यात्रा पूरे 10 दिन बाद शुरू हुई। इस यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह था महाराज के लिए जगह-जगह स्वागत का प्रबंध था। साथ ही कहा गया कि ये यात्रा निरंतर चलती रहनी चाहिए कभी बंद नहीं होनी चाहिए। हम आपके दर्शन करने से खुश और प्रसन्न हो जाते हैं।