यमुना को साफ करने की कवायद शुरू हो गई है। 16 फरवरी को बड़े पैमाने पर यमुना की सफाई का अभियान शुरू हुआ, जिसमें नदी में मलबा और प्रदूषक हटाने के लिए कचरा हटाने वाली मशीनें, खरपतवार हटाने वाली मशीनें और ड्रेज यूटिलिटी क्राफ्ट तैनात किए गए। इससे पहले शनिवार को दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव (सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण) से मुलाकात की और सफाई अभियान की शुरुआत करने पर चर्चा की। आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले यमुना की सफाई बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र में शामिल सबसे बड़े चुनावी वादों में से एक थी।
1. कचरे और गाद को हटाया जाएगा- यमुना की मुख्य धारा में जमे कचरे, गाद और अन्य प्रदूषकों को हटाने पर जोर दिया जाएगा।
2. नालों की सफाई- नजफगढ़ नाले, दूसरे सप्लीमेंट्री नाले और नदी में मिलने वाले अन्य सभी अहम जल निकाली चैनलों में एक साथ सफाई अभियान चलाए जाएंगे।
3. सीवेज उपचार संयंत्रों की निगरानी
4. बुनियादी ढांचे का विस्तार होगा
यमुना को साफ करने के लिए शुरू किए जा रहे प्रोजेक्ट में तीन साल के अंदर यमुना को बहाल करने का टारगेट रखा गया है। इसके लिए दिल्ली जल बोर्ड, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, दिल्ली नगर निगम, पर्यावरण विभाग, लोक निर्माण विभाग और दिल्ली विकास प्राधिकरण सहित कई एजेंसियां काम करेंगे। इसके अलावा दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को इंडस्ट्रियल यूनिट्स की सख्त निगरानी करने का निर्देश दिया गया है।