सुप्रीम कोर्ट ने 31 जनवरी को एक गैर सरकारी संगठन से रोहिंग्याओं के बार में जानकारी मांगी है। कोर्ट ने पूछा है कि वह दिल्ली में रोहिंग्याओं के बसने की जगह और उनके लिए उपलब्ध सुविधाओं के बारे में बताएं।
कोर्ट ने दिल्ली में रोहिंग्याओं के बसने की जगहों का जिक्र करते हुए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। एनजीओ की तरफ से कहा गया कि रोहिंग्या शरणार्थियों को स्कूलों और अस्पतालों तक पहुंच उपलब्ध कराने मांग की है क्योंकि आधार कार्ड न होने के कारण उन्हें प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।
रोहिंग्याओं के रहने वाली जगहों के बारे में अदालत को दें जानकारी
पीठ ने कहा कि चूंकि अदालत के समक्ष कोई पीड़ित पक्ष नहीं बल्कि एक संस्था है इसलिए एनजीओ को हलफनामा दाखिल कर रोहिंग्याओं के बसने के स्थानों के बारे में बताना चाहिए जिसमें ये भी स्पष्ट किया जाना कि वे शिविरों में रहते हैं या आवासीय कॉलोनियों में।
दिल्ली के इन इलाकों में रहते हैं रोहिंग्या
एनजीओ के वकील ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थी दिल्ली के शाहीन बाग, कालिंदी कुंज और खजूरी खास इलाकों में रहते हैं। उन्होंने कहा कि शाहीन बाग और कालिंदीकुंज में वे झुग्गी-झोपड़ी में रह रहे हैं और खजूरी खास में वे किराए के मकानों में रह रहे हैं। अब इस मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी।