प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली सिटी मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में मेगा राष्ट्रीय जनजातीय उत्सव आदि महोत्सव का उद्घाटन , जनजातीय संस्कृति को प्रदर्शित करने का एक प्रयास !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली सिटी मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम मैं मेगा राष्ट्रीय जनजातीय उत्सव आदि महोत्सव का उद्घाटन किया। आदि महोत्सव राष्ट्रीय मंच पर जनजातीय संस्कृति को प्रदर्शित करने का एक प्रयास है। आदि महोत्सव में धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली सिटी मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम मैं मेगा राष्ट्रीय जनजातीय उत्सव आदि महोत्सव का उद्घाटन दिलाने के लिए इस कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया है। आदिवासी संस्कृत शिल्प व्यंजन वाणिज्य और पारंपरिक कला की भावना का जश्न मनाने वाला आदि महोत्सव है। इस साल इसका आयोजन 16 से 27 फरवरी 2023 तक दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में किया जा रहा है। यह बताया जा रहा है कि 11 दिवसीय मेले में 28 राज्यों के लगभग 1000 आदिवासी कारीगर और कलाकार शामिल होंगे 13 राज्यों के आदिवासी रसोई मिलेट्स के फूड बनाते नजर आएंगे। वहीं दूसरी ओर आयोजन स्थल पर पहुंचने पर प्रधानमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा को पुष्पांजलि अर्पित की और प्रदर्शनी में लगे स्टोलों का अवलोकन किया। इस मौके पर जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा उनके साथ रहे। प्रधानमंत्री ने संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव मैं आदि महोत्सव देश की आधी विरासत की भव्य प्रस्तुति कर रहा है। उन्होंने कहा कि आदि महोत्सव कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी होने वाली भारत की विविधता और शान का प्रतीक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आदि महोत्सव भारत की विविधता में एकता को शक्ति देता है तथा साथ ही विरासत को मध्य नजर रखते हुए विकास के विचार को गति देता है। प्रधानमंत्री ने अपने सामाजिक कार्यकर्ताओं के रूप में बिताए गए दिनों में जनजातीय समुदाय के साथ अपने निकट जुड़ाव को याद करते हुए कहा, “जनजातीय समाज का कल्याण मेरे लिए निजी संबंध और भावनाओं का विषय है।” प्रधानमंत्री ने जनजातीय उत्पादों को बढ़ावा देने में सरकार के प्रयासों को रेखांकित किया, उन्होंने कहा कि जनजातीय उत्पादों को अधिक से अधिक बाजार तक पहुंचाना चाहिए और उनकी पहचान और मांग में वृद्धि होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने दोहराया कि देश नई ऊंचाइयों को छू रहा है क्योंकि सरकार वंचितों के विकास को प्राथमिकता दे रही है। यह सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास,और सब का प्रयास का प्रवाह है,जो देश के दूरदराज के क्षेत्रों के हर नागरिक तक पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के 75 वर्षों में पहली बार है कि देश का नेतृत्व एक जनजातीय महिला कर रही है,जोकि राष्ट्रपति के रूप में देश के सर्वोच्च पद पर स्थित है और देश को गौरवशाली बना रही है। आदि महोत्सव में लगभग 1000 आदिवासी कारीगरों ने हिस्सा लिया है आदि महोत्सव में आप तरह-तरह के लजीज व्यंजनों के जायके का स्वाद चख सकते हैं। जनजातीय समुदायों की ओर से उपजाए जाने वाले श्री अन्न इस कार्यक्रम का केंद्र बिंदु है।

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