कांग्रेस ने 30 जनवरी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। कांग्रेस ने लिखा कि आरएसएस देश के लोकतंत्र के लिए खतरा। कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पोस्ट करते हुए लिखा आरएसएस ने हमेशा लोकतंत्र और संविधान का अपमान किया है। यह समानता, न्याय और सद्धाव की विरोधी रही है। कांग्रेस ने लिखा कि अब समय आ गया है कि आरएसएस की नफरती विचारधारा के खिलाफ मिलकर आवाज उठाएं।
RSS पर बैन लगाने के कांग्रेस के 7 तर्क
1. संविधान विरोधी सोच
आरएसएस भारत के संविधान को विदेशी बताकर मनुस्मृति को श्रेष्ठ मानता है।
2. दलित पिछड़ों के अधिकारों का विरोध
आरएसएस में अबतक कोई दलिथ प्रमुख नहीं रहा।
3. शिक्षा बजट कटौती
शिक्षा के बजट में कटौती की गई, जिससे पिछड़े वर्गो को नुकसान हुआ
4. महिला विरोधी मानसिकता
आरएसएस महिलाओं को केवल पारंपरिक भूमिकाओं तक सीमित रखने की सोच रखताहै।
5. राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान
दशकों तक आरएसएस ने तिरंगे को स्वीकार नहीं किया
6. अल्पसंख्यकों पर हिंसा
मुसलमानों और ईसाइयों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप
7. सरकारी संस्थानों पर नियंत्रण
सरकार, शिक्षा, प्रशासन और संस्कृति में आरएसएस की घुसपैठ बढ़ गई है।
आपकों बता दें कि आरएसएस को अबतक तीन बार प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा है। पहला प्रतिबंध महात्मा गांधी की हत्या के बाद दूसरा आपातकाल के दौरान और तीसरा बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद लगा। तीनों बार संघ पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और सांप्रदायिकता फैलाने के आरोप लगे लेकिन हर बार प्रतिबंध हटा दिया गया।